Bounce Rate Kya Hai: बाउंस रेट Free में कैसे चेक करें? Bounce Rate Kya Hota Hai 2024

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Bounce Rate Kya Hai: फ्रेंड्स, यदि आप एक ब्लॉगर है तो आपने Google Analytics में Bounce Rate जरुर देखा होगा. Bounce Rate Kya Hota Hai और इसे कैसे चेक करें? ये हमारी वेबसाइट या ब्लॉग के रैंकिंग में क्या इफ्फेक्ट डालता है? एक्चुअल में बाउंस रेट कितना होना चाहिए, और यदि ये बहुत ज्यादा है तो इसे कम कैसे करेंगे? आज के आर्टिकल/पोस्ट में हम यही जानने वाले है, इसलिए इस पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़े.

जैसा कि सभी ब्लॉगर जानते ही होंगे कि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ( SEO ) में Bounce Rate Kya Hai और Exit Rate क्या है? ये बाउंस रेट ही आपके ब्लॉग/वेबसाइट की क्वालिटी तय करता है. इसलिए कोशिश करें, कि आपके ब्लॉग/वेबसाइट का बाउंस रेट कम से कम हो.

Google की बात करें तो गूगल सिर्फ हाई क्वालिटी कंटेंट को ही रैंक कर करता है. जिस भी ब्लॉग या वेबसाइट का बाउंस रेट ज्यादा रहता है Google उस वेबसाइट को धीरे धीरे डीरैंक करना शुरू कर देता है. इसलिए टाइमली अपने वेबसाइट को अपडेट करते रहे और इंटर-लिंकिंग जरुर करें, जिससे आपके वेबसाइट का बाउंस रेट कम हो सकें.

Bounce Rate Kya Hai? | बाउंस रेट क्या है?

बाउंस रेट ( Bounce Rate ) : जब कोई विजिटर / यूजर आपकी वेबसाइट पर आता है तो वह आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर कितनी देर रुका, या आकर ही तुरंत वापस चला गया, उसको वेबसाइट नहीं अच्छी लगी या कंटेंट नहीं अच्छा लगा या आपका पोस्ट ही ओपन नहीं हुआ. या उसी पेज से वापस लौट जाता है दुसरे Page पर जाये बिना वापस हो जाता है तो इसे Bounce कहते है. इससे गूगल को यह सिग्नल जाता है कि आपके कंटेंट में दम नहीं है या कंटेंट की क्वालिटी सही नहीं है.

विजिटर/ यूजर के आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर टाइम बिताने या छोड़ने को ही बाउंस रेट कहते है. आपकी वेबसाइट या ब्लॉग पे आने वाला विजिटर आपके वेबसाइट पर कितनी देर रुकता है. उसके वेबसाइट पर रुकने के परसेंटेज को भी बाउंस रेट कहते है.

बाउंस रेट बढ़ने के क्या कारण है?

जब गूगल पेज से विजिटर आपके ब्लॉग या वेबसाइट पर पहुचता है और तुरंत ही वापस हो जाता है तो उसका मतलब यह है कि आपका ब्लॉग या वेबसाइट का कंटेंट अच्छा नहीं है, वेबसाइट का डिजाईन अच्छा नहीं है, या जिस चीज़ को सर्च करते हुए वो आपके पेज पर पंहुचा है वो चीज़ उसको वहां पर नहीं मिली, या वेबसाइट की स्पीड बहुत है. इन कारणों से विजिटर आपकी वेबसाइट पर जाकर तुरंत वापस आ सकते है, जिससे बाउंस रेट के बढ़ने के चांस बहुत ज्यादा हो जाते है.

जब भी आपके ब्लॉग या वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ना स्टार्ट हो जाता है तो ऐसे में गूगल की नज़र में आपका ब्लॉग या वेबसाइट बेकार साबित होता है और गूगल उसको डी-रेंक करना शुरू कर देता है.

बाउंस रेट बढ़ने कुछ मुख्य कारण इस प्रकार है –

  • ब्लॉग /वेबसाइट का स्पीड स्लो होना
  • पोस्ट पर अच्छा कंटेंट ना होना
  • पोस्ट में टेक्निकल एरर
  • विजिटर जिस चीज़ को ढूढते हुए पोस्ट पर आता है और उसका पोस्ट में न होना
  • वेबसाइट का सुन्दर न होना

बाउंस रेट को कैसे चेक कर सकते है?

बाउंस रेट को चेक करने के लिए Bounce Rate Checker Free Tool का यूज़ कर सकते है. जिसको आप Google में “Bounce Rate Checker RDS Kendra” के नाम से सर्च कर सकते है. या फिर अपने Google Analytics के अकाउंट में भी बाउंस रेट चेक कर सकते है.

Bounce Rate को कैसे Calculate किया जाता है?

अगर आप अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट कैलकुलेट करना चाहते हैं तो मैं आपको बाउंस रेट कैलकुलेट करने का एक फॉर्मूला बताऊंगा।

                                बाउंस दर = एक पृष्ठ विज़िट / कुल विज़िट

आप इस फॉर्मूले का उपयोग करके आसानी से अपनी वेबसाइट की बाउंस दर की गणना कर सकते हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं।

मान लीजिए किसी वेबसाइट के एक पेज पर 45 विजिटर आए और वहां से लौट आए और 55 विजिटर उस पेज से दूसरे पेज और फिर आपकी वेबसाइट के तीसरे पेज पर आए, तो उस वेबसाइट पर विजिट करने वाले विजिटर्स की कुल संख्या 100 है। गया

तो अब हम यहां सूत्र का उपयोग करके बाउंस दर की गणना करेंगे।

बाउंस दर = एक पृष्ठ विज़िट 45 / कुल विज़िट 100

तो इस हिसाब से उस वेबसाइट का बाउंस रेट 45% था।

Exit Rate क्या है (What is Exit Rate)

Exit Rate, जब विज़िटर किसी वेबसाइट के एक पेज पर पहुंचते हैं और फिर वेबसाइट के दूसरे, तीसरे, चौथे आदि पेज पर जाने के बाद उस पेज को छोड़ देते हैं। इसलिए इसे Exit कहा जाता है। जब कोई वेबसाइट Onwer Google Analytics का उपयोग करके अपनी वेबसाइट पर आने वाले विज़िटरों की Bounce Rate की Calculate करता है, तो वह Rate Calculate करता है।

तो इस रेट को उस वेबसाइट का एग्जिट रेट कहा जाता है। ज्यादा बाउंस रेट किसी वेबसाइट के लिए अच्छा नहीं है, इससे सर्च इंजन में वेबसाइट की रैंकिंग पर असर पड़ता है। इसलिए आपको अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट पता करके उसे कम करना चाहिए ताकि आपकी वेबसाइट आगे बढ़ सके। यदि आप समझते हैं कि Exit Rate क्या है तो मुझे बताएं कि इसकी गणना कैसे करें।

Exit Rate को कैसे Calculate किया जाता है?

क्या आप अपनी वेबसाइट का बाउंस रेट कैलकुलेट करना चाहते हैं तो यहां मैं आपको एक फॉर्मूला बताऊंगा जो आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट कैलकुलेट करने में आपकी मदद करेगा।

                                             Exit Rate = Total Exits From Page/Total Visits To Page 

इस फॉर्मूले का उपयोग करके आप आसानी से अपनी वेबसाइट की बाउंस दर की गणना कर सकते हैं।

मैं आपको एक उदाहरण देता हूं ताकि आप इसे समझ सकें।

मान लीजिए यदि 100 विजिटर किसी वेबसाइट के एक पेज पर जाते हैं और फिर वे उसी वेबसाइट के दूसरे पेज पर जाते हैं और 30 विजिटर उस दूसरे पेज से बाहर निकल जाते हैं।

Exit Rate = Total Exits From Page 30 /Total Visits To Page 100 

तो यहाँ पर दूसरा पेज बाउंस रेट 30% था।

उसके बाद बचे हुए 70 विजिटर उस वेबसाइट के तीसरे पेज पर गए और 35 विजिटर भी उस तीसरे पेज से बाहर निकल गए।

Exit Rate = Total Exits From Page 35 /Total Visits To Page 70

तो यहां तीसरे पेज से बाहर निकलने की दर 50% होगी।

अब बचे हुए 35 विजिटर चौथे पेज पर जाते हैं और फिर वे सभी इस पेज से बाहर निकल जाते हैं।

 Exit Rate = Total Exits From Page 35 /Total Visits To Page 35 

तो अब इस चौथे पेज के मुताबिक एग्जिट रेट 100% होगा.

किसी भी Website का Bounce Rate कितना होना चाहिए

दोस्तों अगर आप जानते हैं कि Bounce Rate Kya Hota Hai? तो अब सवाल यह उठता है कि किसी वेबसाइट का बाउंस रेट कितना होना चाहिए। अगर आप नहीं जानते तो मैं आपको बता दूं. बाउंस रेट को मैंने भागों में विभाजित किया है ताकि आप इसे आसानी से समझ सकें।

  • 1% से 15% (Excellent)
  • 16% से 40% (Good)
  • 41% से 55% (Average)
  • 56% से 70% (Normal)
  • 70%+ (Worst)

अब आप अच्छी तरह से समझ गए हैं, इसमें उन वेबसाइटों के लिए 1% से 15% बाउंस रेट है जो बहुत प्रसिद्ध हैं, ऐसी वेबसाइटें पूरे इंटरनेट पर केवल 5% हैं।

इसके बाद, केवल 15% वेबसाइटें ऐसी हैं जिनकी बाउंस दर 16% से 40% है, जिसे एक अच्छी बाउंस दर माना जाता है।

इसके बाद, 25% वेबसाइटें ऐसी हैं जो अच्छा प्रदर्शन करती हैं और उनकी बाउंस दरें 41% से 55% तक हैं।

इंटरनेट पर मौजूद 45% वेबसाइटों की बाउंस दर 56% से 70% है। इसमें नए ब्लॉगर भी शामिल हैं जिनके पास ज्यादा जानकारी नहीं है।

इसके बाद 70% से अधिक बाउंस रेट वाली वेबसाइटें आती हैं। पूरे इंटरनेट पर केवल 10% वेबसाइटें ऐसी हैं और उनकी बाउंस दर बहुत खराब है। ऐसा तब होता है जब वेबसाइट मालिक SEO ठीक से नहीं करता है या नया ब्लॉगर है या इसके कई कारण हो सकते हैं।

यदि आपकी वेबसाइट का बाउंस रेट बहुत अधिक है, तो आप इसका कारण पता करके इसे कम कर सकते हैं और इसमें सुधार करके सर्च इंजन में अपनी वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ा सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि विभिन्न प्रकार की वेबसाइटों की बाउंस दरें भी अलग-अलग होती हैं? आइए कुछ वेबसाइटों के बारे में बात करते हैं। जो इस प्रकार है;

  • वेबसाइट लैंडिंग पृष्ठ (70% से 90%)
  • व्यावसायिक वेबसाइटें (20% से 40%)
  • वेबसाइटों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएँ (10% से 30%)
  • सामग्री वेबसाइट (30% से 60%)

बाउंस रेट को किस प्रकार कम करें?

बाउंस रेट को कम करने के लिए आपको हर पॉइंट पर काम करने के जरुरत है. जिसको हम निम्न तरीके से समझ सकते है-

ब्लॉग/वेबसाइट स्पीड: हम सभी जानते है कि यदि कोई भी वेबसाइट लेट खुल रही है तो उस पर दुबारा जाने का मन नहीं करता और ना ही उस वेबसाइट का दूसरा कोई पेज खोलने का मन करता है, जिसकी वजह से वह उसी पेज से वापस लौट जाता है. जिससे आपका बाउंस रेट बढ़ जाता है.

इंटरनल लिंकिंग: इंटरनल लिंकिंग बाउंस रेट कम करने का महत्वपूर्ण विकल्प है, यदि आपकी पोस्ट में दुसरे पोस्ट के लिंक भी लगे है और वो उसके काम के पोस्ट लगे तो जाहिर ही वह उनको भी पढना चाहेगा और वेबसाइट पर देर तक रुकेगा, जिससे आपका बाउंस रेट कम होगा.

क्वालिटी कंटेंट उपलब्ध कराएँ: यदि आप अपने विजिटर को क्वालिटी कंटेंट नहीं प्रोवाइड करा पाते है और उस विजिटर को सही इनफार्मेशन देने में सक्षम नहीं तो वह आपकी वेबसाइट पर नहीं रुकेगा और आपका वेबसाइट का बाउंस रेट बढ़ जायेगा. इसलिए अपनी वेबसाइट के ब्लॉग पोस्ट में सही जानकारी दें, पोस्ट की भाषा सरल रखे और उसको डिटेल में समझाने का प्रयास करें.

ब्लॉग/वेबसाइट डिजाईन: Seo की नज़र से देखें तो ब्लॉग वेबसाइट का डिजाईन भी काफी हद तक विजिटर को इंगेज करता है और उसको वेबसाइट पर रोके रखता है. इसलिए अपने वेबसाइट या ब्लॉग को अच्छे से डिजाईन करें.

कन्क्लूजन – Bounce Rate Kya Hai?

हमने इस आर्टिकल में जाना कि Bounce Rate Kya Hai? और इसे कम कैसे करें? इस पोस्ट में Bounce Rate को कम कैसे करें? सरल भाषा में समझाने की पूरी कोशिश की है यदि फिर भी कोई पॉइंट आपको समझ में नहीं आता है तो आप उसको कमेंट बॉक्स में पूँछ सकते है. हम जल्द से जल्द उसका उत्तर देने का प्रयास करेंगे.

हमें उम्मीद है कि Bounce Rate Kya Hai? आपको सही से समझ आ गया होगा, इसलिए अब इसको अपने नए ब्लॉगर भाइयों तक शेयर करें, जिससे उनको भी बाउंस रेट के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो सकें.

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